मध्य प्रदेश

पुलिस चौकी बंधौरा में पदस्थ एएसआई सहित दो प्रधान आरक्षक हुये लाईन अटैच विनय को लंघाडोल व अभिषेक को मिली गोरबी चौकी की कमान

 

सिंगरौली ।  बंधौरा चौकी में पदस्थ एएसआई सहित दो अन्य प्रधान आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक ने सिविल लाइन में पदस्थ कर दिया है। बताया जा रहा है कि उक्त पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली से देवसर विधायक नाखुश थे जिसकी शिकायत एसपी से किया था।

जानकारी के मुताबिक बंधौरा चौकी में पदस्थ एएसआई रमेश साकेत, प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा एवं रविनंदन तोमर को पुलिस अधीक्षक ने बुधवार की देर शाम सिविल लाइन में पदस्थ कर दिया है। चर्चाओं के मुताबिक उक्त पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली से विधायक नाराज थे।विधायक के यहां लगातार शिकायतें पहुंच रही थी। जिसके संबंध में पुलिस अधीक्षक को विधायक ने अवगत कराया था। हालांकि यह भी चर्चा है कि जिले के कई थाना व पुलिस चौकियों में भारी स्टाफ की कमी है।समूचा जिला पुलिस बल की कमी से जूझ रहा है। हालांकि जिले में कानून व्यवस्था की दृष्टि से आये दिन एसआई से लेकर आरक्षकों की नवीन पदस्थापनाएं भी किये जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

पुलिस अधीक्षक ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक ही अनुभाग में तीन साल से अधिक समय तक पदस्थ रहने वाले उप निरीक्षकों में फेरबदल किया है। सूत्रों के मुताबिक गोरबी पुलिस चौकी में पदस्थ उप निरीक्षक विनय प्रकाश शुक्ला को लंघाडोल का थाना प्रभारी बनाया गया है। जबकि लंघाडोल में पदस्थ उप निरीक्षक अभिषेक सिंह परिहार को गोरबी का जिम्मा सौंपा गया है। वहीं विन्ध्यनगर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक शीतला यादव को खुटार चौकी का प्रभारी बनाया गया है। जबकि खुटार में पदस्थ उप निरीक्षक अभिषेक पाण्डेय को बरका चौकी की कमान सौंपी गयी है। बरका में पदस्थ उप निरीक्षक बालेन्द्र त्यागी को विन्ध्यनगर थाने में पदस्थापना की गयी है।

जिले में 2 जुलाई के बाद करीब आधा सैकड़ा उप निरीक्षक से लेकर आरक्षकों की कानून व्यवस्था के दृष्टिगत एवं आगामी विधानसभा चुनाव के निर्देशों का हवाला देकर पुलिस कर्मियों के तबादले किये जा रहे हैं।लेकिन हैरानी की बात है कि इन सब तबादलों के आदेश सार्वजनिक नहीं किये जा रहे हैं, बल्कि संबंधित पुलिस कर्मियों को आदेश नंबर बताकर संबंधित थाना क्षेत्र में आमद देने का फरमान सुना दिया जा रहा है। यह सिलसिला जुलाई महीने से जो शुरू हुआ अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है।इधर पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चा है कि जिन उप निरीक्षकों का तबादला किया गया है इनमें से कुछ का तबादला 2 जुलाई को किया गया था। उस समय इन सब बातों को गौर क्यों नहीं किया गया यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

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