
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सीधी सदर सीट का चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है क्योंकि भाजपा हाईकमान ने यहां पर सांसद श्रीमती रीती पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया है। सीधी सदर सीट पर वर्षों से काबिज रहे भाजपा के कद्दावर नेता केदार नाथ शुक्ला का टिकट काटकर श्रीमती रीती पाठक को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा हाईकमान का यह निर्णय भाजपा के सीधी के जमीनी कद्दावर नेता श्री केदार नाथ शुक्ला को पचा नहीं और वे विरोध स्वर को मुखरित करते-करते अंतत: बागी निर्दल उम्मीदवार के रूप में मैदान में आ गये। कहते हंै कि श्री केदार नाथ शुक्ला का सीधी सदर विधानसभा सीट पर काफी प्रभाव है। भाजपा के सीधी के कई नेताओं ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह केदार नाथ शुक्ला को जमींदोज करने का कड़ा निर्णय था जिसे वह कुछ करके दिखाना चाहते हैं। विधानसभा क्षेत्र सीधी में उठ रही चर्चा तथा खुसूर-फुसूर पर ध्यान दिया जाये तो भारतीय जनता पार्टी का बीस हजार कैडर मत भाजपा के नमाजद उम्मीदवार से कटकर केदार नाथ शुक्ला के झोली में गिर रहा है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी के ज्ञान सिंह पूरी ताकत लगाकर चुनाव मैदान में है तो दूसरी केदार नाथ शुक्ला के बागी तेवर से भाजपा उम्मीदवार घबराई हुयी हैं।
‘काल चिन्तन के एक सवाल के जवाब में श्रीमती रीति पाठक ने कहा कि जिस तरफ प्रवाह की धारा बह रही है उसके विपरीत जाना बेवकूफी का काम है। आज के परिवेश में मतदाता बेवकूफ नहीं है कि वह बहती हुयी धारा का दामन छोड़ दे। जो बागी तेवर की बात है वह सब खत्म हो चुका है। सीधी का मतदाता किसी अतताई को मत देकर अपना मत ज़ाया नहीं करेगा। भारतीय जनता पार्टी भारी मतों से जीत रही है जहां भारत के यशश्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभा हो जाये वहां सत्तर से अस्सी प्रतिशत का काम यूँं ही हो जाता है।
श्रीमती रीति पाठक की आवाज और भाव में आक्रोश था। शांति व स्थायित्व नहीं दिखायी दिया। हो सकता है सीधी सदर सीट पर श्री नरेन्द्र मोदी का जादू चल जाये, भाजपा उम्मीदवार जीत जाये और भाजपा के प्रदेशस्तरीय टिकट निर्णायकों का मकसद पूरा हो जाये लेकिन अभी ऊंट किस करवट बैठेगा कहा नहीं जा सकता।