विश्व आदिवासी दिवस पर हिंडालको महान ने लगाई आदिवासी चौपाल, किया पौधा दान
जिस दिन आदिवासी तीर- धनुष छोड शिक्षा को अपना हथियार बना लेगा उस दिन नये भारत का उदय होगा: लोकनाथ नायक

वैढ़न,सिंगरौली। प्रत्येक वर्ष नौ अगस्त को आदिवासी समुदाय द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस दिन को मनाया जाता है. दुनियाभर में आदिवासियों की 5 हजार तरह के आदिवासी समुदाय है. माना जाता है कि दुनियाभर में आदिवासियों की जनसंख्या करीब 37 करोड़ से ज्यादा है.आदिवासियो के जीवन स्तर में गुणात्मक विकास हेतु हिंडालको महान का सी.एस.आर.विभाग कंपनी प्रमुख सेन्थिलनाथ व मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी के नेतृत्व में अनवरत जन जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है,जिसके तहत विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर ग्राम बरगंवा में आदिवासी समूह के साथ गोष्टी का आयोजन किया जिसमें उन्हें फलदार पौध उनके प्रकृति प्रेम को देखते हुये उपहार के रूप प्रदान किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिंडालको महान के कॉर्बन विभाग प्रमुख लोकनाथ नायक ने अपने विचार रखते हुये कहा कि आदिवासियो के गौरवकालिक इतिहास के लिये हम सब आपको प्रणाम करते हैं ,आपके आदिवासी समाज मे कई वीर और वीरांगनाओं ने जन्म लिया जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से लेकर कई आक्रांताओं से लोगो की रक्षा की है,आपका समाज जिस दिन तीर धनुष छोड़, शिक्षा को अपना हथियार बना लेगा उस दिन के बाद हमारा देश नये भारत के रूप में खड़ा होगा, आप लोगो का प्रकृति प्रेम से जलवायु परिवर्तन में होने वाले अनिष्ट से बचे हुये हैं ।
कार्यक्रम में सह प्रबंधक अवंतिका ने महिलाओं को समाज मे आगे की पंक्ति में आने के लिये प्रेरित किया,और कहा कि देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से लोगो को सीख लेना चाहिये,जिन्होंने दलित होने का रोना नही रोया और समाज मे संघर्ष करते हुये देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुई ,वही कार्क्रम का संचालन करते हुये सी.एस.आर.विभाग से बीरेंद्र पाण्डेय ने विचार रखते हुये कहा कि आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जनसंख्या प्रदेश की कुल आबादी की 20 फीसदी है.आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में आदिवासी समुदाय के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग निवास करते हैं.आप के समाज से बिरसामुंडा,भीमा नायक जैसे क्रांतिवीर पैदा हुये हैं,जिनका नाम पूरा देश बड़े ही सम्मान के साथ लेता है।आज हम आपके प्रकृति प्रेम को देखते हुये ये पौध लाये है जिन्हें आपको घर आंगन में लगाना है।कार्यक्रम के अंत मे समस्त आदिवासियों को फलदार पौधे प्रदान किये गये।