मध्य प्रदेश

जबलपुर के निजी अस्पताल अग्निकांड में प्रशासन की लापरवाही, जिन्हें सस्पेंड करना था, उन्हीं को सौंपी जांच, हाईकोर्ट नाराज

जबलपुर.न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में हुए अग्निकांड में 8 व्यक्तियों की मौत तथा 5 व्यक्तियों के घायल होने के मामले में सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश की गई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने पाया कि उक्त अस्पताल को लाइसेंस जारी करने से पहले निरीक्षण के लिए गठित टीम में से 3 सदस्यीय डॉक्टरों को निलंबित करने की अनुशंसा की गई है. इसके बावजूद शहर के निजी अस्पतालों को निरीक्षण के लिए नियुक्ति 41 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम में उन्हें शामिल गया है. जिस पर युगलपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लोगों के जीवन से खिलवाड़ करना निंदनीय है. युगलपीठ ने जांच सीबीआई के सुर्पुद करने की चेतावनी देते हुए उक्त डॉक्टरों के निलंबन आदेश पेश करने के निर्देश दिए है.

लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने की याचिका दायर

यह जनहित का मामला लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विशाल बघेल की ओर से दायर किया गया है. जिसमें कहा गया है कि जबलपुर में नियम विरुद्ध तरीके से प्राइवेट अस्पताल को संचालन की अनुमति प्रदान की गई है. कोरोना काल में विगत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति गया है. दी गई है. जिन अस्पतालों को अनुमति दी गई है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है. जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद भी अस्पताल संचालन की अनुमति दी गई है. बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बावजूद भी अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गई है.

टीम में तीनों थे शामिल

कार्यवाही रिपोर्ट में बताया गया है कि शहर के सभी निजी अस्पतालों की जांच के लिए 41 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया था. जिन्हें निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देना था. उस टीम में वह 3 डॉक्टर भी शामिल है. जिन्हें निलंबित किए जाने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है. जिसे गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने पांच मिनट में तीनों डॉक्टरों के निलंबन आदेश पेश शासकीय अधिवक्ता को निर्देशित किया. सरकारी अधिवक्ता द्वारा निलंबन आदेश पेश नहीं कर पाने पर युगलपीठ ने उक्त तल्ख टिप्पणी की. युगलपीठ ने निलंबन आदेश पेश करने के लिए समय प्रदान करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार 22 अगस्त को निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक बागरेचा तथा सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता भरत सिंह उपस्थित हुए.
Source : palpalindia

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