मध्य प्रदेश

गरीबों पर महंगाई की मार दूध, सब्जियां, किराना, सभी कुछ हुआ महंगा

चार माह में 15 से 20 प्रतिशत बढ़ गई जरूरी वस्तुओं की कीमत, लगातार महंगा हो रहा दूध, वर्षाकाल में भी सस्ती नहीं हुई सब्जियां

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। महंगाई से परेशान आम आदमी की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही। हालत यह है कि पिछले चार माह में जरूरी वस्तुओं की कीमतों में औसतन 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। गेहूं की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं तो दाल-चांवल की कीमतों में भी बढ़ोतरी लगातार जारी है। महंगाई की मार से दूध और दूध से बने उत्पाद भी अछूते नहीं हैं। सामान्यत: वर्षाकाल में दूध के दाम कम होते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। दाम घटने के बजाय बढ़ गए। सांची ने 2 रूपए लीटर दूध के दाम बढ़ा दिए हैं। वहीं निजी दूध बिक्रेता भी दाम बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐ हाल मात्र सिंगरौली जिले का नहीं है। यही हाल पूरे देश में है। गरीब तथा मध्यम वर्ग का महंगाई से जीना मुहाल हो गया है।


बताया जाता है कि पशुआहार के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते दूध के दाम बढ़ रहे हैं। चार माह पहले तक पशुआहार 2700-2800 रुपए क्विंटल था लेकिन अब इसके दाम 4400 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। सिर्फ पशुआहार के दाम ही नहीं बढ़े पशुओं के दाम में लगभग दोगुना हो गए हैं। ऐसे में दुध बिक्रेताओं का कहना है की हमारे पास दूध के दाम बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प है।
चार माह में गेहूं के दाम में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। चार माह पहले 2500-2700 रुपए बिकने वाला गेहूं वर्तमान में 3200 से 3500 रुपये बिक रहा है। व्यापारियों के मुताबिक गेहूं के दाम में इसके पहले कभी इतनी तेजी नहीं देखी गई। गेहूं के दाम अपने सर्वोच्च स्तर पर है। चांवल के दाम में भी तेजी है। व्यापारियों के मुताबिक पिछले दो माह में 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ोतरी हो चुकी है और यह जारी है। लगभग सभी किस्म के चांवल के दाम बढ़े हैं।

सामान्यत: वर्षाकाल में सब्जियों का उत्पादन बढ़ता है और दाम कम हो जाते हैं लेकिन महंगाई का असर इस पर भी है। पर्याप्त वर्षा के बावजूद बाजार में सब्जियां महंगी हैं। हालांकि इसके पीछे अतिवर्षा को वजह बताया जा रहा है। किसानों का कहना है कि खेत में पानी जमा होने की वजह से सब्जियां निकालना मुश्किल हो गया है। सब्जियों की आवक कम होने से दाम में बढ़ोतरी हो रही है। आड़तियों के मुताबिक लागत में बढ़ोतरी की वजह से थोक बाजार में सब्जियों के दाम करीब 30 प्रतिशत बढ़ गए हैं। इसके चलते खरेची दाम बढ़े हैं। सिंगरौली जिले में ग्रामीण खेती वैसे भी खुल्हा घूमते पशुओं के कारण पूरी तरह से समाप्ति की कगार पर पहुंच गयी है। जो थोड़ा बहुत खेती हो भी रही है वह जिले के हिसाब से नाकाफी साबित होती है।

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