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डेढ़ साल पहले मृत व्यक्ति को कोमा में समझकर परिजन रोज पैर छूकर आशीर्वाद लेते रहे, ऐसे हुआ खुलासा

कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है. यहां रावतपुर क्षेत्र में पिछले साल अप्रैल महीने में एक प्राइवेट अस्पताल में मृत व्यक्ति के परिजनों ने उनके शव को घर में यह समझकर रखा कि व्यक्ति कोमा में है और जिंदा हो जाएगा. मृत व्यक्ति की पहचान विमलेश दीक्षित के तौर पर हुई है और वह आयकर विभाग में कार्य कर रहे थे.

इस हैरतअंगेज घटना का पता गत शुक्रवार को तब चला, जब मजिस्ट्रेट पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक मामले की जांच के लिए मृत व्यक्ति के घर पहुंचे. यहां उन्होंने शरीर की जांच कि जिसके बाद खुलासा हुआ कि विमलेश दीक्षित की मौत पिछले साल 22 अप्रैल को हो गई थी. मगर तब परिवार अंतिम संस्कार नहीं करना चाहता था, क्योंकि उनका मानना था कि व्यक्ति कोमा में है.

आयकर विभाग ने जांच की अपील की थी

कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी सीएमओ डाक्टर आलोक रंजन ने बताया कि विमलेश दीक्षित की पिछले साल 22 अप्रैल को ही मृत्यु हो गई थी, मगर परिवार को लग रहा था कि वह कोमा में हैं. उन्होंने बताया कि कानपुर के आयकर अधिकारियों ने इस बारे में सूचना दी थी, जिसके बाद जांच की अपील की गई थी. चिकित्सा टीम जब जांच के लिए पहुंची तो दीक्षित के परिवार वाले यह कहते रहे कि वे जिंदा हैं और कोमा में हैं. वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि मृतक की पत्नी रोज उसके शरीर पर गंगा जल छिड़कती थी. उसे लगता था कि ऐसा करने से वह कोमा से जल्द से जल्द बाहर आ जाएगा.

शव पूरी तरह से सड़ चुका था

वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि मृतक की पत्नी रोज उसके शरीर पर गंगा जल छिड़कती थी. उसे लगता था कि ऐसा करने से वह कोमा से जल्द से जल्द बाहर आ जाएगा. यही नहीं, परिवार ने अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी बताया था कि विमलेश कोमा में है. पड़ोसियों ने पुलिस को जो जानकारी दी उसके मुताबिक, परिवार के सदस्य अक्सर ऑक्सीजन सिलेंडर लाते रहते थे. पुलिस ने बताया कि शव पूरी तरह से सड़ चुका था. वहीं, विमलेश की पत्नी की मानसिक हालत भी कुछ ठीक नहीं है.

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