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गहलोत को दिल्ली दरबार से क्लीनचिट, पायलट के लिए हो सकती है खुशखबरी

दिल्ली

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली दरबार से क्लीनचिट मिल गई है। गहलोत के तीन मंत्रियों को पार्टी ने अनुशासनहीनता के लिए नोटिस जारी किया है, लेकिन मुख्यमंत्री को राहत मिल गई है। माना जा रहा है कि इस क्लीनचिट के बाद एक बार फिर कई समीकरण बदल सकते हैं। सूत्रों की मानें तो पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर केंद्रीय नेतृत्व से मिले सर्टिफिकेट के बाद अशोक गहलोत अब अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर सकते हैं। ऐसे में एक बार फिर सचिन पायलट के लिए रास्ता साफ हो सकता है।

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की ओर अध्यक्ष नहीं बनने का फैसला किए जाने के बाद पार्टी ने काफी सोच विचार के करके अशोक गहलोत का ‘चुनाव’ किया था। लेकिन राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट के चुनाव की आशंका में गहलोत कैंप की बगावत से पार्टी नेतृत्व काफी हैरान था। इसके बाद माना गया कि गहलोत के अध्यक्ष बनने का रास्ता बंद हो गया है। हालांकि, पार्टी के पास बहुत अधिक विकल्प तैयार नहीं हैं। गहलोत एक कुशल और अनुभवी संगठनकर्ता हैं और गांधी परिवार के भरोसेमंद भी रहे हैं।

बताया जा रहा है कि मंगलवार को जब गहलोत ने सोनिया गांधी को फोन किया तो उन्होंने यह विश्वास दिलाने की भरसक कोशिश की कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को चुनौती नहीं दी है। उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने यह सफाई दी कि विधायकों के आधिकारिक बैठक में नहीं पहुंचने और इस्तीफा स्पीकर को सौंपे जाने की घटना में उनका हाथ नहीं था। इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात में भी गहलोत ने पूरे घटनाक्रम पर खेद जताया था। पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि गहलोत को भी इस बात का अहसास हो चुका है कि पायलट विरोध में उनके खेमे ने वह सीमा लांघ दी जिसकी उम्मीद पार्टी नेतृत्व ने नहीं की थी। इसे आलाकमान को चुनौती के रूप में देखा गया। अब गहलोत भी अपने रुख में नरमी ला सकते हैं।

गहलोत को मिले क्लीनचिट को सचिन पायलट के लिए भी उम्मीदें जगाने वाला माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह पार्टी नेतृत्व ने गहलोत को निर्दोष करार दिया है उसके बाद गहलोत एक बार फिर अपनी दिल्ली यात्रा शुरू कर सकते हैं। गहलोत अगले अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं। गहलोत को अब पायलट के नाम पर भी मनाने की कोशिश की जा रही है। दूसरी तरफ गहलोत कैंप के कई विधायकों ने खुलकर कह दिया है कि उन्हें आलाकमान का फैसला मंजूर है और सचिन पायलट से भी दिक्कत नहीं है।
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