गाजियाबाद की झूठी निर्भया, ऐसे हुई गैंग रेप का आरोप लगाने वाली महिला एक्सपोज

नई दिल्ली. गाजियाबाद में 18 अक्टूबर की सुबह साढ़े 3 बजे सड़क किनारे एक महिला बोरे में बंधी हुई मिली है. पूछताछ में पता चला कि 5 लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया और प्राइवेट पार्ट में रॉड घुसा दी. बाद में हाथ-पैर में बांध कर सड़क किनारे फेंक गए. इस मामले का खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस केस की तुलना दिल्ली के निर्भया कांड से करने लगे. हालांकि, पुलिस ने जब सख्ती से जांच की तो पूरा मामला एक्सपोज हो गया. महिला ने अपने ही एक दोस्त के साथ मिलकर झूठी कहानी गढ़ी.
ऐसे खुली पोल?
खुद को जीटीबी अस्पताल की नर्स बताने वाली 38 साल की इस महिला ने अपने दोस्त आजाद के साथ मिलकर झूठी कहानी गढ़ी और कदम-कदम पर पुलिस को गुमराह किया. हालांकि, मोबाइल फोन ने इस मामले की पोल खोल दी. महिला ने बताया था कि 16 तारीख को उसे अगवा किया गया और दो दिन बाद 18 अक्टूबर को वो सड़क किनारे मिली. इस दौरान दो दिन उसके साथ गैंगरेप हुआ, जबकि पुलिस जांच में पता चला कि महिला दो दिन अपने घर पर ही रही. नर्स के मोबाइल की कॉल डिटेल में आजाद का नंबर मिला. इस दौरान उसकी कई बार आजाद से बात हुई. जबकि महिला ने खुद को बंधक और गैंगरेप की कहानी सुनाई थी.
इन 3 कारणों से पुलिस को महिला पर हुआ शक
1- इस केस में पुलिस को तभी शक हो गया था, जब 112 पर कॉल करने वाले राहगीर ने बताया कि उससे फोन करने के लिए एक युवक ने कहा था और वो पहले से ही नर्स के पास मौजूद था. उस युवक के कहने पर ही उसने फोन किया. पुलिस के आते ही वो युवक भाग गया था. इसके बाद पुलिस उस युवक की तलाश में जुट गई. जांच में पता चला कि वो महिला का दोस्त आजाद ही है.
2- नर्स को जब मेडिकल कराने के लिए कहा गया तो उसने मना कर दिया. इससे भी पुलिस को शक हुआ कि ऐसे केस में कोई महिला भला अपना मेडिकल कराने के लिए क्यों मना करेगी. उसे शक था कि मेडिकल हुआ तो मामला खुल जाएगा.
3- नर्स को जब एमएमजी जिला अस्पताल में भर्ती कराने ले जाया गया तो उसने वहां एडमिट होने से मना कर दिया. इतना ही नहीं, उसने दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती करने को कहा. इससे पुलिस को शक हुआ.
Source. https://www.palpalindia.com/2022/10/21/ghaziabad-false-nirbhaya-woman-accused-of-gang-rape-exposed-news-in-hindi.html