तीन दिन पहले देना होगा आकस्मिक अवकाश का आवेदन

पटना. बिहार के मुंगेर, भागलपुर और बांका के सरकारी शिक्षकों के लिए अजीबोगरीब आदेश जारी किया गया है. आकस्मिक अवकाश के लिए अब तीन दिन पहले ही आवेदन देना होगा. शिक्षा विभाग की ओर से यही कहा जा रहा है कि ये आदेश शिक्षकों की कम संख्या को देखते हुए जारी किया गया है. आरडीडीई और डीईओ के इस अजीबोगरीब आदेश के बाद शिक्षकों में आक्रोश देखा जा रहा है.
शिक्षकों ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए जारी आदेश पत्र पर आपत्ति जताई है और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस अजीबोगरीब आदेश का विरोध करते हुए शिक्षक भी अपना आक्रोश अनोखे अंदाज में व्यक्त कर रहे हैं. शिक्षक डमी आवेदन लिखकर अधिकारियों पर तंज रहे हैं. शिक्षक पूछ रहे हैं कि आखिर कोई शिक्षक कैसे भविष्यवाणी करेंगे कि वो बीमार पड़ेंगे?
इस आदेश के विरोध के लिए शिक्षक भी अनोखा तरीका अपना रहे हैं. जैसे एक डमी आवेदन में एक शिक्षक ने लिखा कि महाशय, सादर निवेदन है कि दिनांक 5-12 2022, दिन सोमवार से रात 8:00 बजे के लगभग मेरी मां मर जाएगी. इसलिए मैं उसके अंतिम संस्कार हेतु 6-12-2022 से 7-12-2022 तक अपने विद्यालय से अनुपस्थित रहूंगा. अत: श्रीमान से अनुरोध है कि मेरे अवकाश को स्वीकृत करने की कृपा करें.
एक अन्य शिक्षक ने अपने डमी आवेदन में लिखा कि महाशय, सविनय निवेदन है कि दिनांक 4-12-2022 से 5-12- 2022 तक मैं बीमार रहूंगा. इसकी वजह से मैं विद्यालय नहीं आ पाऊंगा. अत: श्रीमान से आग्रह है कि 2 दिनों तक आकस्मिक अवकाश को स्वीकृत करने की कृपा करें.
बहरहाल शिक्षकों के विरोध के बाद शिक्षा विभाग में हलचल है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर अब शिक्षा विभाग अपने जारी किए आदेश पर कायम रहता है या फिर शिक्षकों के विरोध को देखते हुए इस पर यू टर्न ले लेगा?
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