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शीतकालीन सत्र में इन मुद्दो पर सरकार को घेरने को तैयार विपक्ष

नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है। सरकार के साथ विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। 6 दिसम्बर को संसद परिसर में सर्वदलीय बैठक हुई.बैठक में कांग्रेस और टीएमसी ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. कांग्रेस ने ईसीआई और ईडब्ल्यूएस कोटा की जल्दबाजी में नियुक्ति का भी मुद्दा उठाया. कांग्रेस ने मौजूदा सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया. पार्टियों ने विपक्ष को और समय दिए जाने की भी मांग की और कहा कि उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए.

बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा की आवश्यकता को उठाया. कई अन्य दलों ने इसका समर्थन किया. पार्टी की ओर से कहा गया कि कॉलेजियम प्रणाली जैसे मुद्दों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए. इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा के लिए बीजद ने मांग की.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले हेमंत पाटिल ने भी मांग की है कि सरकार जनसंख्या को विनियमित करने के लिए एक विधेयक पर विचार करे और लाए जो भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है. वाईएसआर कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि का मुद्दा उठाया, खासकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने की जरूरत को.

शिरोमणि अकाली दल का प्रतिनिधित्व करने वाली हरसिमरत कौर बादल ने मांग की कि पंजाब के बाहर हो रहे अपराध के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने मांग की कि नशीले पदार्थों की आपूर्ति और खपत में वृद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भी चर्चा हो. बादल ने मांग की कि समिति किसी नतीजे पर पहुंचे और केंद्र सरकार के वादे के मुताबिक किसानों को एमएसपी मुहैया कराए.

 

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