जोशीमठ के लिए एक्शन प्लान तैयार, ऐसे बचाई जाएगी लोगों की जान

देहरादून जोशीमठ में बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने एक्शन प्लान बना लिया है। इसके तहत खतरे की स्थिति के आधार पर जोशीमठ को तीन जोन में बांटा गया है। इन तीन जोन को डेंजर, बफर और कंप्लीटली सेफ जोन का नाम दिया गया है। सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रशासन डेंजर और बफर जोन के सर्व में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि जो जोन पूरी तरह से असुरक्षित हैं, वहां से लोगों को बहुत जल्द निकाला जाएगा।
सीएम ने किया यह अनुरोध
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में एक नया भू-धंसाव जोन बना है। इसकी जद में लगभग 600 परिवार आ रहे हैं। उत्तराखंड सरकार इन्हें भी जल्द ही सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भू-धंसाव से जिन मकानों और होटलों में दरारें आई थीं, उन सभी 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। सीएम धामी ने अनुरोध किया है कि वे समय मिल जुलकर जोशीमठ को बचाने में आगे आएं। उत्तराखंड सरकार के साथ ही जितने सामाजिक और राजनीतिक संगठन हैं, सभी को एक टीम वर्क के रूप में काम करना चाहिए। मैंने स्वयं लोगों से मिलकर यह अनुरोध किया है लोग इस काम में लगे भी हैं। वरिष्ठ अफसरों को मौके पर ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं, वे खुद उनसे पल -पल की रिपोर्ट ले रहे हैं, जिससे लोगों के जानमाल की सुरक्षा हो सके।
पीएम भी रख रहे नजर
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार ने प्रभावित परिवारों के लघु व दीर्घकालिक योजना पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं। पीपलकोटि, गौचर आदि कई स्थानों पर जहां भी सुरक्षित जमीनें उपलब्ध हैं, प्रभावितों को बसाने की योजना पर भी काम शुरू किया जा रहा है। किसी को भी परेशानी न हो, इसके लिए अफसरों को सख्त हिदायत दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार समीक्षा कर रहे हैं। वे व्यक्तिगत रूप से भी जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने इस विपदा की खड़ी में जोशीमठ के लोगों की पूरी सहायता का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही पीएमओ के अफसर भी इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जोशीमठ के लोगों के साथ खड़ी है और वे घबराएं नहीं, बस सबसे पहले सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।
पुनर्वास के लिए जमीन की तलाश
पुनर्वास को जमीन की तलाश सीएम धामी ने कहा कि दीर्घकालिक योजना के तहत प्रभावित के पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर के आसपास जमीन चिह्नित की जा रही है। सरकार हर ऐसा कदम उठाएगी, जिससे प्रभावित को राहत दिलाई जा सके। उन्होंने बताया कि तत्काल प्रभाव से जोशीमठ में निर्माण कार्यों और एनटीपीसी परियोजना के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही औली रोपवे का संचालन भी बंद कर दिया है।
जोशीमठ के ज्यादातर वार्डों में पड़ चुकी दरारें
जोशीमठ के ज्यादातर वार्डों में दरारें पड़ चुकीं हैं। मकान में दरारें आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। आजीविका के साधन भी खो चुके ग्रामीणों को सरकार से ही उम्मीद है। किसी भी जानमाल के नुकसान को देखते हुए सरकार प्राथमिकता पर पीड़ितों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेज रही है।
वार्ड का नाम भवनों में दरार
गांधी नगर 134
पालिका मारवारी 28
लोअर बाजार 24
सिंहधार 56
मोहनबाग 80
अपर बाजार 31
सुनील 38
परसारी 51
रविग्राम 161
जोशीमठ मुख्य बाजार तक पहुंचीं दरारें
जोशीमठ में भवन और रास्तों में दरार आने का सिलसिला जारी है। जोशीमठ के मुख्य बाजार में स्थित ओल्ड जीएमवीएन के 7 कमरों में दरारें आ गई हैं तो वहीं टैक्सी स्टैंड के निकट लोनिवि के गैस्ट हाउस के एक कमरे में भी भारी दरार आने के कारण इसमें रहना खतरनाक हो गया है। मुख्य बाजार के भविष्य केदार हल्का मोटर मार्ग में भी जगह-जगह दरारें दिखने लगी हैं। साथ ही मुख्य बाजार में स्थित नन्दा देवी होटल के निकट भी दरारें आने लगी हैं। ओल्ड जीएमवीएन के प्रभारी प्रदीप मन्द्रवाल ने बताया कि उनके गैस्ट हाउस के 7-8 कमरों में दरारें आ गई हैं।
सुनील वार्ड में भी दरार बढ़ती जा रही हैं। सुनील के रहने वाले संजय भिलंगवाल, संदीप कवांण, देवेन्द्र परमार, शंभू उनियाल कहते हैं कि सुनील में भवनों एवं खेतों में दरार आने का सिलसिला तेज होने लगा है। दुर्गा सकलानी के बाद नरेश पंवार और विशेश्वरी देवी का भवन ढहने की कगार में पहुंच गया है। नरेश पंवार कहते हैं कि उनके घर की छत टेढ़ी होकर एक ओर झुकने लगी है। कभी भी उनका पूरा भवन ढह सकता है।
मुख्य सचिव की जोशीमठ आपदा पर बैठक
सचिव डॉ. एसएस संधु ने जोशीमठ के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थान शिफ्ट करने और दरारग्रस्त भवनों को तत्काल ध्वस्त करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में जोशीमठ आपदा को लेकर समीक्षा की। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र को अविलंव खाली कराए जाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। कहा कि जिन क्षेत्रों में लोगों को विस्थापित किया जा रहा है, वहां की लगातार मानिटिरंग भी की जाए। मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में मिट्टी के कटाव को रोकने आज से ही काम शुरू कराने को भी कहा।