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मां-बेटी के जिंदा जलने का मामला: शासन ने गठित की SIT टीम

कानपुर। मड़ौली अग्निकांड की घटना की जांच के लिए शासन ने एसआईटी गठित की है। कमिश्रर और एडीजी की एसआईटी एक सप्ताह में रिपोर्ट शासन को देगी। इधर डीएम ने मजिस्ट्रेटी जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व को सौंपी है। झोपड़ी में लगी आग से मां बेटी के जिंदा जलने की घटना की जांच एसआईटी करेगी। शासन ने कमिश्रर डॉ. राजशेखर व एडीजी आलोक कुमार की एसआईटी गठित की है। यह समिति घटना में दर्ज एफआईआर व पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक व स्पष्ट जांच करेगी।

साथ ही, एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व जेपी गुप्ता को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपी है। घटना की गंभीरता को लेकर एक पखवाड़े में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। डीएम नेहा जैन ने शासन की एसआईटी गठन की पुष्टि की है।

बता दें कि ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने के दौरान झोपड़ी में मां-बेटी के जिंदा जलने संबंधी मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन कर दिया है। कानपुर देहात के चालाहा गांव का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। दरअसल, इस गांव में ग्राम समाज की जमीन से प्रशासन की टीम कब्जा हटाने गई थी। इसी दौरान इस जमीन पर स्थित झोपड़ी में आग लग गई, जिसमें झोपड़ी बनाकर रह रहे गोपाल दीक्षित की पत्नी और पुत्री दोनों की इसमें जिंदा जलने से मौत हो गई। इस मामले में सरकार ने वहां के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही हत्या के आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच अब एसआईटी करेगी, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी।
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