राष्ट्रीय

Corona: केरल में महिलाओं-बुजुर्गों के लिए मास्क अनिवार्य, देश में 6,155 नए मरीज सामने आए

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर काफी तेज़ गति से बढ़ते दिख रहे हैं. यहां शनिवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से संक्रमित 6,155 नए मरीज सामने आए, जिसके कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 31,194 हो गई. इन आंकड़ों के अनुसार, देश में इस दौरान कोरोना संक्रमण से 11 और मरीजों ने दम तोड़ दिया. इससे मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 5,30,954 हो गई.

हालात ये है कि सरकारों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश (Delhi corona Case) सहित कई प्रदेशों में एकदम से मामलों में तेजी आई है. हालांकि कोरोना का ये नया स्पाइक न्यूजीलैंड, फ्रांस और साउथ कोरिया जैसा खतरनाक नहीं होगा. भारत में 10 लाख लोगों पर दो लोग कोरोना संक्रमित हैं. केरल में एक दिन में 1800 मामले आने के बाद वहां की सरकार ने बुजुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अनिवार्य कर दिया है. शनिवार को पूरे देश में 6150 केस सामने आए हैं.

कई राज्यों में कोरोना बढ़ने से राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं. दोबारा से तैयारियां तेज हो गई हैं. आईसीयू बेड्स, दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर स्टॉक बढ़ाया जा रहा है. हालांकि एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि ये उतना खतरनाक नहीं होगा जैसा कि अन्य देशों में है. महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में 542 नए केस आए हैं. गुजरात में 260 नए केस आए हैं और तीन लोगों की मौत भी हुई है. दिल्ली में बीते 24 घंटे में 535 नए केस आए हैं. दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 23.05 फीसदी पहुंच गया है.

केरल में इससे पहले भी कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ी है. अभी तो मामले में तेजी आई है वो केरल के एर्नाकुलम, तिरुवनंतपुरम और कोट्टायम जिलों में सबसे अधिक है. न्यूजीलैंड में प्रति 10 लाख जनसंख्या में 293 कोविड मामले है. फ्रांस में बीते सप्ताह 10 लाख में 126 मामले आए हैं. साउथ कोरिया में इतनी ही जनसंख्या में 163 केस हैं. अमेरिका में 75 और यूके में 46 केस आए हैं. इस आंकड़ें को देखने के बाद राहत की बात है कि भारत में फिलहाल स्थिति बहुत खराब नहीं है. लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इसको हल्के में नहीं ले रही. मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल की एक सीनियर डॉक्टर तनु सिंघल ने बताया कि मामलों में तेजी तो आ रही है, मरीज भी हॉस्पिटल में एडमिट हो रहे हैं. लेकिन अन्य देशों के तुलना में हम बेहतर हैं. जुलाई 2022 में दिल्ली और मुंबई में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा था. लेकिन बहुत सारे लोग अस्पताल में भर्ती नहीं हुए थे.

कोविड टेस्ट नहीं करवा रहे लोग
इन आंकड़ों को देखने पर भारत की स्थिति दुनिया के इन दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर दिखती है. हालांकि डॉक्टर इस कम संख्या के पीछे कोविड टेस्ट में आई कमी को भी एक बड़ा कारण मानते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जहां अगस्त 2021 में रोजाना करीब 22 लाख टेस्ट हो रहे थे, तो वहीं अब यह संख्या 1 लाख के आसपास रह रही है. अखबार ने सर एचएन रिलायंस अस्पताल के गहन देखभाल विभाग के प्रमुख डॉ. राहुल पंडित के हवाले से कहा कि लोग अब कोविड टेस्ट नहीं करवा रहे हैं. ‘और जो लोग टेस्ट करवाते हैं, उनमें बीमारी का बेहद हल्का रूप है.’

Source

यह समाचार पढिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Live TV