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सरकारी आलमारी में मिले 2.31 करोड़ रुपए और 1 किलो सोना किसका, अब तक पता नहीं लगा पाई पुलिस

जयपुर। राजस्थान शासन सचिवालय के निकट बने योजना भवन के बेसमेंट में रखी सरकारी आलमारी से मिले 2.31 करोड़ रुपए नकद औऱ 1 किलो सोना किसका है। राज्य पुलिस अब तक इसका पता नहीं लगा पाई है। जबकि शुक्रवार रात से ही इस मामले में 7-8 कर्मचारियों को हिरासत में लिया हुआ है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए हैं।

जयपुर पुलिस की ओर से इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित किए जाने की बात कही जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हालांकि कर्नाटक में हैं। लेकिन, वे वहीं से पूरे मामले पर निगरानी बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह पैसा किसी बड़े सरकारी अफसर का है जो टेंडर अथवा कांटैक्ट के बदले लिया गया है। इन बैगों में नकदी और सोने के साथ विजिटिंग कार्ड और कुछ कांटैक्ट संबंधी पेपर्स भी मिले बताए। हालांकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। राजस्थान के इतिहास में यह पहली घटना है जबकि किसी सरकारी बिल्डिंग की आलमारी से इतनी बड़ी नकद राशि और सोना मिला है।

इधऱ, इस मामले की जांच लोकल पुलिस को सौंपे जाने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि सीएम गहलोत के निर्देश पर ही यह जांच जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के निर्देशन में स्थानीय पुलिस को सौंपी गई है। भाजपा विधायक रामलाल शर्मा का कहना है कि यह मामला लोकल पुलिस का नहीं है। बल्कि इसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अथवा ईडी को सौंपी जानी चाहिए थी।

भाजपा नेता हुए हमलावर, बोले- सरकार ही भ्रष्टाचार का धन रखकर भूली

इधऱ, इस मामले को लेकर भाजपा हमलावर है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहाकि भ्रष्टाचार से इतना सारा कालाधन एकत्रित किया गया है कि दो-चार-पांच करोड़ रुपए और कई किलो सोना जो है। वह कहां रखकर भूल गए हैं, अब इनको भी याद नहीं है। शेखावत ने तंज कसा कि मुझे लगता है कि आजकल डिजिटल करेंसी की भाषा में जैसे गूगल पे को जी-पे के नाम से पुकारा जाता है, वैसे ही राजस्थान में जी-पे जो है, वह गहलोत-पे बन गया है। शेखावत ने कहा कि शाम 4 बजे कैश बरामद होता है। रात को 11 बजे आनन-फानन में डीजी और चीफ सेक्रेट्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। वहां न एंटी करप्शन ब्यूरो को बुलाया, न इनकम टैक्स को। ईडी को भी इन्फॉर्म नहीं किया गया। यह अपने आपमें कई तरह के संदेह पैदा करता है। वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करके कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई।

सोशल मीडिया में अखिल अरोड़ा हुए ट्रोल
इधर, शनिवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा सोशल मीडिया में ट्रोल हुए। आईटी राजस्थान के ग्रुप में इससे जुड़े तमाम लोगों ने अरोड़ा को इस विभाग से हटाए जाने को लेकर मुहिम चलाई। वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि अरोड़ा लंबे समय से इस विभाग में जमे हुए हैं।

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