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जातीय हिंसा में कई घरों को पहुंचा नुकसान, चार हजार से अधिक हथियारों की हुई लूट

इंफाल. मणिपुर मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच संघर्ष और पिछले कुछ हफ्तों में लूट एवं आगजनी की घटनाओं के कारण जातीय अशांति से जूझ रहा है. इस बीच केंद्रीय एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन को डर है कि चोरी किए गए हथियारों में से कुछ की म्यांमार स्थित प्रतिबंधित उग्रवादी समूह को आपूर्ति की गई है. शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की है कि प्रशासन को उम्मीद है कि कम से कम 4,000 हथियार गायब हो सकते हैं, लेकिन गोला-बारूद की मात्रा का पता नहीं चल पाया है.

सूत्रों ने यह भी कहा है कि गोदामों, विभिन्न सुरक्षा बलों और रिजर्व बटालियनों के शस्त्रागार को लूट लिया गया है, ऐसे में लूटे गए हथियारों की कुल संख्या का वास्तविक अनुमान कुछ हफ्तों के बाद पूरा किया जाएगा. मणिपुर के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज़18 को बताया, ‘यह आशंका है और इसकी संभावना भी अधिक है कि लूटे गए कुछ हथियारों की आपूर्ति म्यांमार स्थित उग्रवादी समूहों को की गई है. किसी भी समुदाय के लिए 4,000 हथियार छिपाना या रखना संभव नहीं है. इनपुट्स भी मिले हैं कि म्यांमार के समूहों को उनमें से कुछ हथियार मिल गए होंगे, जिनका इस्तेमाल वे राज्य में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने और सेना को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं.’

एक अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसी अधिकारी ने कहा कि चूंकि मणिपुर से म्यांमार में जाने के लिए सीमा पर कई गुप्त रास्ते हैं, इसलिए उम्मीद की जाती है कि उग्रवादी समूहों को कुछ हथियार पहले ही सौंपे जा चुके हैं. साथ ही, एजेंसियों के संज्ञान में यह आया है कि राज्य में हिंसा भड़काने वाले कुछ समूह उधर के उग्रवादी समूहों के संपर्क में हैं और झड़प होने पर उन्होंने अपने कुछ सदस्यों को म्यांमार भी भेजा है.

सेना ने सोमवार को कहा था कि उसने जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में कम से कम 25 शरारती तत्वों को पकड़ा है, जिनके पास से हथियार, गोला बारूद और ग्रेनेड बरामद किए गए हैं. रक्षा बलों के एक प्रवक्ता ने बताया कि इंफाल घाटी में और उसके आसपास गोलीबारी और झड़पों की ताजा घटनाओं के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके पास से हथियार जब्त किए गए हैं.

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