8वीं पास मजदूर की बदली किस्मत रातों-रात बन गया 200 करोड़ का मालिक

नई दिल्ली।
हरियाणा के चरखी-दादरी में आठवीं पास एक मजदूर तब हैरान रह गया जब उसके बैंक खाते में 200 करोड़ रुपये जमा हो गए। जैसे ही उसे बैंक खाते में पैसे आने की जानकारी मिली तो उसके होश उड़ गए। पूरा परिवार यह सोच कर हैरान था कि इतने पैसे किसने और क्यों लगाए होंगे. मामला ज्यादा देर तक छिपा नहीं रह सका और कुछ देर बाद यूपी पुलिस मजदूर विक्रम के गांव बेरला पहुंच गई.उन्हें बैंक खाते में पैसे आने की जानकारी मिली. एक तरफ जहां इतना पैसा देखकर हर कोई खुश होगा वहीं विक्रम के पूरे परिवार में डर का माहौल है. उन्हें लगता है कि ये धोखाधड़ी का मामला है, इसी वजह से उन्होंने सुरक्षा की गुहार लगाई है. इस संबंध में विक्रम ने पीएम, सीएम, डीजीपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की और इसकी कॉपी पुलिस अधिकारियों को मेल कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिला पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से बच रही है.
दरअसल, दादरी जिले के गांव बेरला निवासी विक्रम और उसके चचेरे भाई प्रदीप ने ग्रामीणों को बताया कि विक्रम के बैंक खाते में 200 करोड़ रुपये हैं. श्रमिक विक्रम और उनके परिवार के सदस्यों ने यह भी दावा किया कि यूपी पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा और उनसे पूछताछ की और उन्हें बताया कि विक्रम के यश बैंक खाते में 200 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।युवक विक्रम के भाई प्रदीप और मां बीना देवी ने बताया कि जिस खाते में रकम आई है वह यश बैंक का है और यह रकम रोकी गई है। फिलहाल परिजनों को यह नहीं पता कि यह रकम किसने और क्यों जमा कराई है।
खास बात यह है कि इस राशि को डालने के लिए जितने भी लेनदेन हुए हैं, उन लेनदेन की राशि के सभी अंक 9 हैं, जो आश्चर्य की बात है।बेरला निवासी विक्रम ने आठवीं तक पढ़ाई की है। दो माह पहले ही उसे पटौदी क्षेत्र में नौकरी मिली थी। वह एक्सप्रेस-20 नामक कंपनी में मजदूर के तौर पर काम करता था. विक्रम के भाई प्रदीप ने बताया कि कंपनी ने विक्रम का बैंक खाता खोलने के लिए उनसे दस्तावेज लिए थे, लेकिन बाद में यह कहकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया कि उनका खाता रद्द कर दिया जाएगा. विक्रम ने वहां करीब 17 दिनों तक काम किया. यूपी पुलिस को बैंक से जानकारी मिली कि विक्रम के खाते से 200 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बरदह थाना प्रभारी ने कहा है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. वहीं, मामले को लेकर डीएसपी अशोक कुमार ने मीडिया से दूरी बनाए रखी. साथ ही कर्मचारी के माध्यम से सूचना भेजी कि वे पैसे के संबंध में कुछ नहीं बता सकते।