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G20: विश्व नेताओं के लिए सेफ जोन बनी दिल्ली, आज आएंगे दुनिया भर से मेहमान, सुरक्षा में राफेल तैनात

नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को हो रहा है. जी-20 के 10 सदस्य देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के अलावा यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि और नौ अतिथि देशों के प्रमुख भी शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं. सभी मेहमानों की सुरक्षा के लिए दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. राजधानी पर कड़ी नजर रखी जा रही है. ताकि विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में कोई चूक न हो. जी-20 शिखर सम्मेलन के चलते 8-10 सितंबर के बीच दिल्ली में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. राजधानी में कुछ मार्गों पर ट्रैफिक भी डायवर्ट किया गया है. ये प्रतिबंध 7 सितंबर की रात से लागू कर दिए गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शाम दिल्ली पहुंच रहे हैं.

 

इस मेगा शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के शीर्ष नेता, यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी, आमंत्रित अतिथि देश और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भाग लेंगे। G20 शिखर सम्मेलन में इसके 20 सदस्य देश – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ भाग ले रहे हैं। इसके अलावा इस समिट में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई को आमंत्रित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, वित्तीय स्थिरता बोर्ड और ओईसीडी जैसे विश्व संगठन भी जी20 में भाग ले रहे हैं। इनके अलावा अफ़्रीकी संघ, AUDA-NEPAD, आसियान, ISA, CDRI और एशियाई विकास बैंक भी G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रगति मैदान स्थित अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर ‘भारत मंडपम’ G20 का मुख्य आयोजन स्थल है। पूरी दिल्ली में दिल्ली पुलिस के 50 हजार जवानों के अलावा एनएसजी, सीआरपीएफ, सीएपीएफ और सेना के करीब 80 हजार जवानों को तैनात किया गया है. इनके अलावा बुलेट प्रूफ गाड़ियां, एंटी ड्रोन सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, राफेल लड़ाकू विमान, वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टर भी दिल्ली की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं. वहीं, राजधानी की निगरानी फेस डिटेक्टर कैमरे और हवा में 80 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइलों से की जा रही है। साथ ही 4 एयरपोर्ट अलर्ट मोड भी रखे गए हैं। भारतीय वायु सेना ने उत्तरी क्षेत्र में चल रहे अपने अभ्यास ‘त्रिशूल’ को निलंबित कर दिया है क्योंकि लड़ाकू विमान 7-10 सितंबर तक उड़ान नहीं भरेंगे। वायु सेना के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि केवल त्रिशूल अभ्यास में शामिल विमानों को निलंबित किया जाएगा और अन्य नियमित उड़ानें जारी रह सकती हैं। रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस अवधि के दौरान, भारतीय वायु सेना जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए देश भर के हवाई क्षेत्र की निगरानी करेगी और इस उद्देश्य के लिए अपने फाल्कन अवाक्स विमान का संचालन शुरू करेगी।

भारतीय वायु सेना भी दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए अपने राफेल और अन्य लड़ाकू विमानों को उन्नत हवाई अड्डों पर तैनात कर रही है। जी-20 शिखर सम्मेलन के चलते दिल्ली-एनसीआर में 8 सितंबर से 10 सितंबर तक सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. शिखर सम्मेलन के कारण दिल्ली में सभी केंद्र सरकार के कार्यालय भी बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही निजी दफ्तरों को बंद रखने या घर से काम करने को कहा गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन, दूरदर्शन टावर-1, दूरदर्शन टावर-2, भारत संचार भवन, चुनाव आयोग कार्यालय, विदेश मंत्रालय कार्यालय, केजी मार्ग, कला संग्रहालय, राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, इंडिया गेट और पटियाला हाउस कोर्ट भी बंद है. रहेगा. ये इमारतें शुक्रवार सुबह 9 बजे तक खाली कर दी जाएंगी.

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