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सांसद रवि वर्मा ने छोड़ा अखिलेश का साथ, थामेंगे कांग्रेस का हाथ!

नई दिल्‍ली.

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं. चार बार के सांसद रवि वर्मा ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ये वो नेता हैं जिनका मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से पुराना रिश्ता है. उनके परिवार के सदस्य कई बार सांसद रह चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से वह समाजवादी पार्टी के कार्यक्रमों में भी नजर नहीं आ रहे थे. रवि प्रकाश वर्मा ने दो नवंबर को अपना इस्तीफा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजा था. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि लखीमपुरखीरी जिले में पार्टी की आंतरिक स्थिति के कारण मैं काम करने में असमर्थ हूं, इसलिए मैं सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.

यह भी पता चला है कि अखिलेश यादव ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी. समाजवादी पार्टी से चार बार सांसद रह चुके इस नेता के पार्टी छोड़ने से अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले पर भी आंच आ सकती है. वह गैर यादव पिछड़े समुदाय के नेता हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा ने अखिलेश यादव का साथ छोड़ने का फैसला किया है. उनकी गिनती पार्टी के बड़े नेताओं में होती है. वह तीन बार लखीमपुर खीरी से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे। उन्होंने लगातार तीन बार चुनाव जीता. वह 2009 तक सांसद रहे, लेकिन उसके बाद चुनाव हार गए। बाद में अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया. पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी बेटी पूर्वी वर्मा को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया था लेकिन वह चुनाव हार गईं।

रवि प्रकाश वर्मा ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है. आज उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसमें वह अपना फैसला सुनाएंगे. उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी पिछले कुछ दिनों से घुटन महसूस कर रही है. ऐसा लगता है कि पार्टी मुलायम सिंह यादव के रास्ते से भटक गयी है. सामूहिक रूप से राय गिनकर निर्णय लेने की परंपरा भी समाप्त हो गई है। बताया जा रहा है कि रवि प्रकाश वर्मा 6 नवंबर को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, वर्मा जी हमारे संपर्क में हैं. उनके आने से कांग्रेस मजबूत होगी. पूरे देश में कांग्रेस को लेकर माहौल है.

हाल ही में समाजवादी पार्टी का प्रशिक्षण शिविर लखीमपुर खीरी में आयोजित किया गया था। अखिलेश यादव वहां दो दिन रुके. इसके बाद से ही रवि प्रकाश वर्मा की अखिलेश यादव से दूरी की चर्चा होने लगी थी. वरिष्ठ कुर्मी नेता के जाने से गैर-यादव पिछड़ों को जोड़ने की अखिलेश यादव की मुहिम को झटका लग सकता है. हालांकि, अखिलेश यादव के विरोधी आरोप लगाते रहते हैं कि उनकी पार्टी में सिर्फ यादव लोगों की चलती है.

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