मराठा आंदोलन:मनोज जारांगे ने 9वें दिन अपनी भूख हड़ताल खत्म की

मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख मनोज जारांगे ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है. आज (2 नवंबर) भूख हड़ताल का नौवां दिन था. उन्होंने मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझाने के लिए सरकार को दो महीने का समय दिया है. जारांगे ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार 2 जनवरी तक मराठा आरक्षण पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो वह और उनके लोग 2 जनवरी को मुंबई की सभी नाकें बंद कर देंगे.
प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद मनोज जारांगे ने अपनी भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया. प्रतिनिधिमंडल में हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे, एमजी गायकवाड़ शामिल थे. वहीं शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत, धनंजय मुंडे, संदीपन भुमरे, अतुल सावे भी मौजूद रहे. अपनी भूख हड़ताल खत्म करने के साथ ही मनोज जारांगे ने सरकार से अपील की है कि आरक्षण मिलने तक सरकारी पदों पर मराठा समुदाय के लोगों की भर्ती न की जाए.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल दो जजों (एमजी गायकवाड़ और पूर्व सुनील शुक्रे) ने मनोज जारांगे को मराठा आरक्षण और कुनबी सर्टिफिकेट से जुड़े कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने जारांगे से कहा कि जल्दबाजी में लिए गए फैसले अदालत में टिक नहीं सकते. ऐसे में सरकार को इस मामले को निपटाने के लिए समय दिया जाना चाहिए. मनोज ने कहा, “अगर मराठा आरक्षण मामला 2 महीने में खत्म नहीं हुआ तो हम मुंबई के लिए रवाना होंगे। हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक काम बंद कर देंगे। हम कृषि उपज जैसे सब्जियां, दूध और अन्य चीजें उपलब्ध नहीं कराएंगे।”