चतरा में रेलवे निर्माण स्थल पर अंधाधुंध फायरिंग, इस गैंगस्टर गैंग ने ली जिम्मेदारी

रांची. झारखंड के चतरा में अपराधियों ने एक बार फिर रेलवे निर्माण स्थल पर हमला किया है. कंस्ट्रक्शन कंपनी के एक सर्वेयर को अपराधियों ने गोली मार दी है और उनकी हालत स्थिर है. हमला सोमवार को हुआ. अब इस घटना की जिम्मेदारी जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह ने ली है. गिरोह के मयंक सिंह ने कहा है कि लोगों से समझौता समझौते के बिना इलाके में कोई काम नहीं होने दिया जायेगा.
घटना के बारे में बताया गया कि टंडवा थाना क्षेत्र में शिवपुर-कठौतिया रेलवे लाइन के निर्माण में लगी मिलेनियम कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट पर बाइक सवार दो अपराधी पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इससे भगदड़ मच गई। कर्मचारी घबराकर भागने लगे। एक गोली कंपनी के सर्वेयर को लगी. बाद में उसे इलाज के लिए नावाडीह स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग रेफर कर दिया गया है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी.
इस बीच घटना की जिम्मेवारी लेने वाले अमन साहू गिरोह के मयंक सिंह ने कहा है कि झारखंड के पांच जिलों चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, लातेहार, पलामू में जो भी लोग काम कर रहे हैं, वे मैनेज कर लें, बस जाएं, उसके बाद ही काम करें. . , अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
बता दें कि झारखंड में लगभग हर महीने अपराधी और नक्सली रेलवे साइटों पर हमले कर रहे हैं. 12 अक्टूबर को माओवादी नक्सलियों ने हजारीबाग जिले के कटकमसांडी थाना अंतर्गत शाहपुर हेस केदार गांव में रेलवे लाइन निर्माण कार्य में लगे चार वाहनों में आग लगा दी. इससे पहले 25 सितंबर को, नक्सलियों ने रांची जिले के मैकलुस्कीगंज में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हमला किया और तीन निर्माण वाहनों और एक जनरेटर को उड़ा दिया। प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई ने साइट पर हमला किया और एक पोकर मशीन में आग लगा दी।
23 अगस्त को भी नक्सलियों ने पलामू में एक सड़क निर्माण स्थल पर हमला कर आठ गाड़ियों को उड़ा दिया था. मई माह में चतरा के टंडवा थाना क्षेत्र में शिवपुर-कठौतिया रेलखंड निर्माण स्थल पर भी हमला कर पोकलेन मशीन में आग लगा दी गयी थी. पिछले दिनों लगातार हो रही हमले की घटनाओं को लेकर रेलवे रेलवे डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, रांची ने हाल ही में राज्य सरकार के गृह विभाग को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी. पत्र में ऐसी कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया कि इसकी वजह से रेलवे की कई परियोजनाएं बाधित हो रही हैं.