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भारी बारिश से गंगा-यमुना के उफान पर आने से आसपास के कई गांवों में बाढ़ आ गई

बदायूं और मुजफ्फरनगर में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इससे तटीय गांवों में पानी भर गया है. यहां की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बदायूं में कछला ब्रिज पर गंगा और मुजफ्फरनगर में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बता दें कि सहारनपुर के 92 गांव और 16 शहरी इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं. यहां के 512 लोगों को नौ राहत शिविरों में रखा गया है. वहीं, मुजफ्फरनगर के दो गांवों के 200 लोगों को आश्रय स्थल में रखा गया है. भारी बारिश के कारण पिछले 24 घंटों में कुल 12 लोगों की जान चली गई है. बाराबंकी में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. जबकि डूबने से नौ लोगों की जान चली गयी है. डूबने से सहारनपुर में पांच, सुल्तानपुर में दो, संतकबीरनगर में एक और फतेहपुर में एक की जान चली गई। वहीं, गाजीपुर में सांप के काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसी तरह संभल में भारी बारिश से एक की मौत हो गई। राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बुधवार को हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से प्रभावित जिलों शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद और इटावा के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। फिलहाल इन जिलों में बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है.

यूपी में नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने बुधवार को सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मौसम की बदलती परिस्थितियों पर लगातार नजर रखी जाए। प्रत्येक गांव में वर्षामापी का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की बाढ़ इकाइयों को 24 घंटे एक्टिव मोड में रखा जाए। राहत एवं बचाव कार्य में आपदा प्रबंधन मित्रों, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सहायता ली जाय। बाढ़ के दौरान जलभराव की स्थिति में पशुओं को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इसके लिए जिलों की स्थिति का चयन किया जाए।

वहीं, राष्ट्रीय लोक दल ने सीएम योगी से यूपी के बाढ़ प्रभावित जिलों में युद्ध स्तर पर प्रभावित लोगों की मदद करने की मांग की है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने बयान जारी कर कहा कि राज्य के कई जिलों में बाढ़ ने भीषण रूप ले लिया है, जिससे गांव बर्बाद हो गये हैं. खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो रही हैं। जिले के वरीय अधिकारी हाथ पर हाथ धरे सिर्फ बाढ़ का तमाशा देख रहे हैं. सरकार को क्षति का सर्वेक्षण कर उचित मुआवजा देना चाहिए. उधर, गाजियाबाद के कई हिस्सों में बारिश के कारण यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. यदि हथिनी कुंड बैराज से अधिक पानी छोड़ा गया तो यमुना की सहायक नदी हिंडन में जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर जा सकता है। इसके चलते जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है. लोनी में 2, मोदीनगर में एक और सदर तहसील में एक को सक्रिय किया गया है।

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