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21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बहु विषयक शिक्षा प्रदान करती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 :योगेश पाण्डेय

 

एनईपी २०२० की तीसरी वर्षगांठ पर केन्द्रीय विद्यालय जयंत में आयोजित हुयी पत्रकार वार्ता, प्राचार्य योगेश पाण्डेय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर डाला गया प्रकाश

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० की तीसरी वर्षगांठ पर शुक्रवार दोपहर केन्द्रीय विद्यालय जयंत में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान पत्रकारों तथा अविभावकों को सम्बोधित करते हुये विद्यालय के प्राचार्य योगेश कुमार पाण्डेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० पर प्रकाश डाला।
केन्द्रीय विद्यालय जयंत में नई शिक्षा नीति २०२० के दृष्टिकोण के सफल कार्यान्वयन पर प्रकाश डालते हुये प्राचार्य श्री पाण्डेय ने बताया कि नयी शिक्षा नीति भारत को एक जीवंत ज्ञान समाज और एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में बदलने की कल्पना करती है। यह नीति २१वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप ब्यापक आधारित, लचीली और बहुत विषयक शिक्षा प्रदान करने पर केन्द्रित है। यह प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाने, रटने की बजाय रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने, वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने और वैश्विक को स्थानीय के साथ एकीकृत करने पर केन्द्रित है। प्राचार्य योगेश पाण्डेय ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन के निर्देशन में अपने छात्रों के लिए समग्र और क्रमबद्ध सीखने का अनुभव सुनिश्चित करते हुये केन्द्रीय विद्यालय जयन्त ने एनईपी २०२० के सिद्धांतों को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है। केन्द्रीय विद्यालय जयंत कोलियरी भारत के पहले पचास केन्द्रीय विद्यालयों में से एक है जिसमें बालवाटिका प्रथम, द्वितीय, तृतीय कक्षाएं अक्टूबर २०२२ से शुरू हुयीं। उन्होने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने शैक्षणिक वर्ष २०२०-२३ से प्रभावी एनईपी २०२० द्वारा अनुशंसित ५+३+३+४ डिजाइन के अनुरूप कक्षा १ में प्रवेश की आयु को संशोधित कर ६ वर्ष कर दिया है।
प्राचार्य श्री पाण्डेय ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय ने शैक्षणिक प्रकृति और पाठ्यचर्या संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर ५+३+३+४ डिजाइन लागू किया है जो छात्रों के लिए अधिक ब्यापक और विकासात्मक रूप से सीखने की अनुमति देता है। निपुण पहल के साथ विद्यालय ने बुनियादी सक्षरता और संख्यात्मक कौशल के महत्व पर जोर देते हुये समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए निपुण में सक्रिय रूप से भाग लिया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य के.शेष कुमार एवं नवोदय विद्यालय पचौर के प्राचार्य अंशुमान सिंह भी उपस्थित रहे और अपने विद्यालय में एनईपी २०२० को लागू करने के लिए किये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।

विद्या प्रवेश हमारी प्राथमिकता

बाल वाटिका के संबंध में प्राचार्य श्री पाण्डेय ने बताया कि ३+, ४+, ५+ वर्ष के आयु वर्ग को पूरा करने के लिए एनईपी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुये चयनित केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाएं शुरू की गयी हैं। सीखने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और संसाधनों को अपनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि विद्या प्रवेश हमारी प्राथमिकता है। औपचारिक स्कूली शिक्षा में परिवर्तन को आसान बनाने के लिए विद्या प्रवेश कार्यक्रम लागू किया गया है जो नए छात्रों के लिए एक सहायक और उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने छात्रों के सीखने के लिए अनुकूल माहौल बनाया

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये प्रचार्य श्री पाण्डेय ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने छात्रों के लिए अनुकूल सीखने का माहौल बनाने के लिए स्मार्ट कक्षाओं, डिजिटल संसाधनों और अटल टिकरिंग लैब्स सहित बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश किया है। इस दौरान उन्होने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय जयंत शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की पहल के साथ सभी हितधारकों, शिक्षकों और शिक्षा उत्साही लोगों से इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनने की अपील करता है। एन.ई.पी २०२० के कायान्वयन के तीसरे वर्ष का जश्र भारत के भविष्य के लिए तैयार और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में विद्यालय के तमाम शिक्षक, शिक्षिकाएं, अविभावक तथा पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।

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