जायसवाल समाज द्वारा जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन 30 को
नवजीवन बिहार स्थित सामुदायिक भवन में होगा आयोजन, हर उम्र के लोग ले सकते हैं भाग

वैढ़न,सिंगरौली। जायसवाल समाज के द्वारा जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन 30/7/2023 को सुबह 8:00 बजे से शाम को 4:00 बजे के बीच नवजीवन बिहार के सामुदायिक भवन में कराया जा रहा है, जिसमें हर उम्र के लोग, हर वर्ग के लोग, छात्र-छात्राएं हो, नौकरी पेशा हों, व्यवसाई हों, या किसी भी तरह का कार्य करते हों, प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं।
एडवोकेट राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि शतरंज खेलने के कई फायदे हैं। इससे दिमाग तेज होता है यह गेम आईक्यू लेवल को बेहतर बनाता है। इसके अलावा इस गेम से सीखने की क्षमता भी तेजी से डेवलप होती है। शतरंज खेलने से, याददाश्त ही नहीं आत्मविश्वास भी बढ़ता है। शतरंज का खेल, खेलने से आप किसी भी समस्या का हल तेजी से ढूंढना सीख जाते हैं। शतरंज के खिलाड़ियों का आईक्यू लेवल दूसरों की तुलना में अधिक होता है।
एडवोकेट राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसे बच्चे-बड़े सभी खेलना पसंद करते हैं। समय के साथ इस गेम की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इस गेम से व्यक्ति ज्यादा क्रिएटिव बनता है। शतरंज के खेल को माइंड गेम के नाम से भी जाना जाता है । दिमागी कसरत के लिए शतरंज एक शानदार गेम है। शतरंज खेलने से मेमोरी बूस्ट होती है। इससे अवसाद और चिंता का खतरा कम होता है। इस गेम से अल्जाइमर का खतरा कम हो सकता है। शतरंज याददाश्त बढ़ाता है
शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ी को चालें याद रखने और सीखने की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह गेम याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। इससे स्मरण शक्ति में सुधार होता है। जो लोग शतरंज खेलते हैं, उनकी सीखने की क्षमता तेजी से डेवलप होती है। यह गेम अल्जाइमर और डिमेंशिया से भी बचाता है। जब आप शतरंज खेल रहे होते हैं, तो आपके मस्तिष्क को लगातार चुनौती का सामना करना पड़ता है। जब बच्चे स्कूल में शतरंज सीखते हैं, तो उनकी पढ़ाई पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। पढ़ते समय उनकी याददाश्त और एकाग्रता में सुधार होता है।