ऑल इंडिया गुर्जर विकास संगठन सिंगरौली द्वारा ग्राम पंचायत बंधा में धूम धाम से मनाई गई चक्रवर्ती गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज जी की 1207 वीं जयंती

वैढ़न,सिंगरौली। ग्राम पंचायत बंधा में ऑल इंडिया गुर्जर विकास संगठन सिंगरौली द्वारा चक्रवर्ती गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज जी की १२०७वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी। कार्यक्रम आल इण्डिया गुर्जर विकास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह हर्षाना, प्रदेश महामंत्री रामेश्वर सिंह गुर्जर एवं प्रदेश मिडिया प्रभारी मोहर सिंह गुर्जर के मार्गदर्शन में ऑल इंडिया गुर्जर विकास संगठन सिंगरौली के जिलाध्यक्ष राजकुमार गुर्जर द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लाखन सिंह गुर्जर (वरिष्ठ शिक्षक ग्वालियर), सीताराम गुर्जर (पूर्व प्रबंधक), श्याममोहन गुर्जर, (जिला उपाध्यक्ष ऑल इंडिया गुर्जर विकास संगठन सिंगरौली) सुखेंद्र सिंह गुर्जर ( युवा नेता कांग्रेस) की अध्यक्षता में सम्पन्न की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुन्नालाल सिंह गुर्जर(पूर्व सरपंच एवम पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा) भगवंत गुर्जर(एडवोकेट छत्तीसगढ)एवम विशिष्ठ अतिथि तीरथ सिंह गुर्जर ( पूर्व सरपंच ),देव प्रताप गुर्जर ( सरपंच खंधोली ), दिनेश गुर्जर (वरिष्ठ शिक्षक ),अर्जुन सिंह गुर्जर (वरिष्ठ नेता कांग्रेस) रहे।
प्रमुख वक्ताओं द्वारा गुर्जर समाज के इतिहास के बारे में और सम्राट मिहिर भोज जी के पराक्रम एवं राज्य व्यवस्था शासन तथा सैन्य शक्तियों के बारे में जानकारी दी गई। गुर्जर प्रतिहार का शासन काल 730 ई से 1036 ई तक भारत के समस्त मध्य उत्तर भूभाग पर रहा 300 वर्षों तक गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य ने अरब आक्रन्ताओं को भारत में प्रवेश करने से रोका एवं निरंतर युद्ध करते रहे । गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य के सबसे प्रतापी शासक सम्राट मिहिर भोज जी रहे जिनका शासनकाल 49 वर्षो तक रहा जिनके शासन काल में सोने चांदी के सिक्को का चलन था जिन सिक्कों पर भगवान विष्णु के वराह अवतार का चिन्ह अंकित था,इनके पास 36 लाख की सुसज्जित सेना थी जो बहोत ही शक्तिशाली सेना मानी जाती थी , इन्हें वराह अवतार की उपाधि प्राप्त था ,सम्राट मिहिर भोज के शासनकाल पूर्ण न्यायिक एवम धर्म, संस्कृति रक्षक रहा है ।
सम्राट मिहिर भोज का जन्म कन्नौज गुर्जर सम्राट रामभद्र गुर्जर के यहां 816 ईस्वी में हुआ था एवम मृत्यु 888 ईस्वी में हुई। सम्राट मिहिर भोज 20 वर्ष के अल्प आयु में राज्याभिषेक हो गया था, ईन्होंने कुशलतापूर्वक 49 वर्षों तक शासन किया एवम अनेकों युद्ध लड़े एवम सदैव विजई रहे, कन्नौज इनकी राजधानी थी। इतिहास में प्रसिद्ध त्रिपक्षीय युद्ध इनके समय में लड़ा गया था।कार्यक्रम में समाज के सम्मानित संतोष कुमार गुर्जर, भुवनेश्वर गुर्जर (उप सरपंच ढोंगा) रामसागर गुर्जर, देवी दयाल गुर्जर , पुष्पेंद्र सिंह गुर्जर, शैलेंद्र सिंह गुर्जर, उमेश गुर्जर( पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा)के साथ समाज के सभी सम्मानित बन्धु आनंद गुर्जर ,महेंद्र गुर्जर, अमित सिंह गुर्जर, ललित गुर्जर, आलेन्द गुर्जर,हृदयलाल गुर्जर, कामता प्रसाद गुर्जर, सतेंद्र गुर्जर, संजय गुर्जर, राधेश्याम गुर्जर, राघवेंद्र गुर्जर, सुनील गुर्जर, पवन गुर्जर, राकेश गुर्जर, रमेश गुर्जर, राजेश्वर गुर्जर, मनोज गुर्जर,लक्ष्मीनारायण गुर्जर, गोरेलाल गुर्जर, दिवाकर गुर्जर, शिवानंद गुर्जर, राजनारायण गुर्जर, देवांश गुर्जर (सचिव कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ), कामता गुर्जर, ताराचंद गुर्जर, लक्ष्मण सिंह गुर्जर, जयमल सिंह गुर्जर, कमल गुर्जर ,सुरेंद्र कुमार गुर्जर ,मुन्नालाल गुर्जर ,परमानंद गुर्जर ,रोहित गुर्जर, पवन कुमार राकेश गुर्जर ,राजेश्वर कुमार, अनिल कुमार, नागेश गुर्जर, राधिका प्रसाद ,विनोद कुमार गुर्जर (शिक्षक) ,प्रमोद गुर्जर आलोक गुर्जर, अभिमन्यु गुर्जर, उमेश गुर्जर सहित गुर्जर समाज के समस्त सामाजिक जनों ने उपस्थित होकर इस कार्यकर्म को सफल बनाया। इस दौरान सम्राट मिहिर भोज जयंती के उपलक्ष में प्रसिद्ध बिरहा कलाकार रामवृक्ष गुर्जर एवं संतोष गुर्जर जी के द्वारा सम्राट मिहिर भोज की वीरता का गायन भोजपुरी लोकगीत बिरहा के माध्यम से गया गया जिन्होंने समाज को अपने बिरहा के माध्यम से समाज के इतिहास एवं वीरता का याद दिलाया एवम समाज में जागृति लाने का प्रयास किए जिनका तहे दिल से धन्यवाद।सम्माननीय वीरेंद्र सिंह हर्षाना जी के आदेशानुसार कार्यकारणी का विस्तार किया गया एवम नए पदाधिकारियों को नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।